"हम तो रावण और हिटलर में भी कोई न कोई अच्छाई ढूंढ़ लेते हैं
और ये जालिम जमाना जो राम और महात्मा गाँधी में भी कोई न कोई बुराई ढूंढ लेते हैं।।"
आदरणीय प्रधानाध्यापक, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों आप सभी को सुबह का नमस्कार। आज 2 अक्टूबर को गाँधी जयंती के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब यहाँ इकट्ठे हुए हैं।
भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। महात्मा गाँधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गाँधी था, हालाँकि ये राष्ट्रपिता, गाँधीजी और बापू के नाम से भी पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। गाँधी जयंती के रूप में देश में बापू के जन्म दिन को मनाया जाता है जबकि पूरे विश्व में इसे अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रुप में मनाया जाता है। इनके पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतली बाई था। गांधी जी की पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था। महात्मा गांधी के पिता राजकोट राजदरबार में दिवान थे और मां एक कुशल गृहिणी थी। उन्होंने दक्षिण अफ्रिका में रहते हुये रंगभेद की नीति का घोर विरोध अहिंसात्मक तरीके से किया और इसे सत्याग्रह का नाम दिया। सत्याग्रह आंदोलन की उनकी नीति रंग लाई और वहां रह रहे भारतीयों को वहां की सरकार ने इस नीति से मुक्त कर दिया। महात्मा गांधी ने अंग्रेजी दासता से भारत को मुक्त करवाने के लिये असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चलाया।
महात्मा गांधी के प्रयासों से ही भारत 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। 30 जनवरी, 1948 को नाथुराम गोडसे नाम के व्यक्ति ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। महात्मा गांधी का देहांत जरूर हो गया लेकिन उनके विचार आज भी मिशाल बनकर हमारा पथ प्रदर्शन कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने अपने अहिंसा और सत्य के प्रयोगों से पूरी दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाया। समय की जरूरत है कि देश महात्मा गांधी के आदर्शों और उनके दिखाये रास्ते पर आगे बढ़े।
आइये! आज गांधी जयंती के अवसर पर हम शपथ लें कि हम सब महात्मा गांधी के रामराज्य के स्वप्न को साकार करेंगे । धन्यवाद जय हिन्द, जय भारत ।
2 Comments
Very nice speech
ReplyDeleteI am boss
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