सभा में उपस्थित सभी सम्माननीय अतिथि गण, माननीया प्रधानाचार्या महोदया,सभी सम्मानित शिक्षक गण, एंव अभिभावक गण एवं मेरे प्यारे भाई एंव बहनों, आप सभी को मेरा प्रणाम, मैं खुशबू इस 'हिन्दी दिवस' के अवसर पर आप सभी के समक्ष अपने कुछ विचार, कुछ भावनाएं लेकर उपस्थित हुई हूँ। आशा करती हूँ, आप सभी को मेरा भाषण पसन्द आयेगा।
"सोंधी सी सुगन्ध मीठी सी भाषा
गर्व से कहाँ 'हिन्दी' है मेरी भाषा"
साथियों जैसा कि हम जानते हैं कि आज हम यहाँ हिन्दी दिवस मनाने के उपलक्ष्य में एकत्रित हुए हैं। हिन्दी दिवस प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। भारत देश अनेकता में एकता वाला देश है। अपने विविध धर्म, संस्कृति, भाषाओं और परम्पराओं के साथ, भारत के लोग सद्भाव, एकता और सौहार्द के साथ रहते हैं। भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में हिन्दी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। पूरी दुनिया में हिंदी भाषा सबसे अधिक बोली जाने वाली चौथी भाषा है। वर्ष-1949 में हिन्दी को हमारे देश में सर्वोच्च दर्जा प्राप्त हुआ और तब से हिंदी को हमारी राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हुआ। हिन्दी भाषा सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है और प्रत्येक भारतीय को अपनी मातृभाषा को बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए हिन्दी दिवस पूरे भारत में बहुत उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। शिक्षण संस्थानों से लेकर सरकारी दफ्तरों तक सभी हमारी राष्ट्रभाषा को सम्मान देते हैं।
"हिन्दी मेरा ईमान है, हिन्दी मेरी पहचान है,
हिन्दी हमारी 'राष्ट्रभाषा, सर्वप्रथम इसका सम्मान है।"
वर्ष 1917 में महात्मा गाँधी ने भरूच में गुजरात शिक्षा सम्मेलन में प्रस्तुत एक भाषण में हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी भाषा राष्ट्रभाषा के रूप में बोली जानी चाहिए, और अर्थव्यवस्था, धर्म एव राजनीति के लिए संचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मैं आपको बता दूँ कि देश के सर्वप्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने पहली बार 14 सितम्बर 1953 को हिन्दी दिवस मनाने का फैसला किया था। और तभी से प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस के उपलक्ष में भारत के विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में हिन्दी साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसमें छात्र बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। जहाँ छात्र हिंदी में विभिन्न कविताओं का पाठ करते हैं तथा हिंदी निबंध पढ़कर हिंदी भाषा को गौरवान्वित करते हैं। हमारे लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों प्लेटफार्मों में लोकप्रियता हासिल कर रही है।
आज के आधुनिक समय में लोग पश्चिमी सभ्यता से काफी प्रभावित हुए हैं ऐसे में कहीं न कहीं हिंदी भाषा का महत्व कम हो रहा है। तो आइए आज हिंदी दिवस के इस शुभ अवसर पर हम सब एक सपथ लेते हैं कि हम अपनी राष्ट्रभाषा की लोकप्रियता को कभी कम नहीं होने देंगे। और अपनी भारतीय संस्कृति की मान मर्यादा को बनाये रखेंगे। इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम देना चाहूँगी। और अंत में कुछ पंक्तियाँ कहना चाहूँगी।
"हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी
एकता की अखण्ड परम्परा है
हिंदी जिसके गर्भ से नित नई कोपलें फूटतीं
ऐसी मातृभाषा है हिंदी "
4 Comments
हिंदी दिवस के लिए शानदार भाषण है अरविंद जी
ReplyDelete😊😊❤️😘 I love uuuuuuuuu arvind ji
DeleteBhot aachi speech h apko khi se nhi milegi aside speech
ReplyDeleteHappy birthday to me
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