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ओणम त्योहार पर कविता | Poem On Onam in hindi | Kavita on ONAM

Kavita on ONAM



केरल का राजा बड़ा दानी महाबली
उसकी प्रसिद्धि ने मचाई देवलोक में खलबली ।

देवों की ख्याति जब डगमगाई
तब सब देवों ने एक तरकीब लगाई
वामन का अवतार लेकर पहुँचे गये
विष्णु महाबली के घर ।

कहा राजन में बस इतना चाहूँ
तीन कदम भूमि आप आप से माँगू
सच्चे हृदय के दानी राजन जाति से
भले थे असुर गण  
पर देवताओं का स्वभाव

ले लो वामन, कहा चेहरे पर था मथुर भाव
पहला कदम आकाश माप लिया
दूसरे में धरती लांध लिया
जब तीसरे कदम की जगह ना थी
महावली ने सर नीचे कीया
सर पर वामन ने कदम रख दिया
महाबली को पाताल धर दिया

वामन को भी दूःख हुआ था
इसलिए आनोखा आर्शीवाद दिया था । 
ओणाम् के दिन तुम केरल आना 
प्रिय प्रजा से  मिलकर जाना ।
ओणाम का यह त्योहार आपके
लिए सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य लेकर आए
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