प्रस्तावना:-
भारत के संविधान ने देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी को 1950 के अनुच्छेद-343 के तहत देश की आधिकारिक भाषा के रूप में 1950 में अपनाया। हर साल 14 सितम्बर को मनाया जाने वाला हिंदी दिवस भारतीय संस्कृति को संजोने और हिंदी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है।
हिंदी दिवस - उत्सव के रूप में :-
स्कूल कॉलेजों और कार्यालयों में मनाया जाने वाला हिंदी दिवस राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है। जिसमें देश के राष्ट्रपति उन लोगों को पुरस्कार देते हैं जिन्होंने हिंदी भाषा से सम्बन्धित किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की है।
स्कूलों और कॉलेजों में हिंदी वाद-विवाद, कविता, या कहानी बोलने की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। शिक्षक हिंदी भाषा के महत्व पर जोर देने के लिए भाषण भी देते हैं। इंटरमीडिएट स्कूलों अपना महत्व खोती जा रही हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी निबंध और कहानी लेखन प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। हिंदी दिवस सरकारी संस्थानों और कार्यालयों में भी मनाया जाता है। भारतीय संस्कृति को आनंदित करने के लिए लोग भारतीय परिधान पहनते हैं।महिलाएं सूट और साड़ियाँ पहनती हैं। और पुरुष कुर्ता पायजामा पहनते हैं। इस दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। और लोग उत्साह से उसमें भाग लेते हैं। बहुत से लोग हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए हिंदी कविताएं पढ़ते हैं। और भाषण देते हैं।
निष्कर्ष :-
हिंदी दिवस हमारे सांस्कृतिक जड़ों को फिर से समझने, देखने और अपनी समृद्धता का जश्न मनाने का दिन है। हिंदी हमारी मातृभाषा है और हमें इसका आदर और सम्मान करना चाहिए तथा इसके मूल्यों को समझना चाहिए।
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