जीवन में जो राह दिखाए,
सही तरह चलना सिखाए।
मात-पिता से पहले आता,
जीवन में सदा आदर पाता।
कभी है शांत, कभी है धीर,
स्वभाव में सदा गंभीर,
मन में दबी रहे ये इच्छा,
काश मैं उस जैसा बन पाता,
जो मेरा शिक्षक कहलाता।
सबको मान प्रतिष्ठा जिससे,
सीखी कर्त्तव्यनिष्ठा जिससे।
कभी रहा न दूर मैं जिससे,
वह मेरा पथदर्शक है जो।
मेरे मन को भाता,
वह मेरा शिक्षक कहलाता।
1 Comments
Poem achi hai sir par apka naam
ReplyDelete