डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षाविद, दार्शनिक, तत्वज्ञानी, वक्ता, लेखक और भारत देश के राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडू राज्य के तिरुतनी गाँव में हुआ था। डॉ. राधाकृष्णानजी के पिता का नाम सर्वपल्ली वीरास्वामी और माता का नाम सीताम्मा था। उनका बचपन तिरूपति गाँव में व्यतित हुआ। उन्होंने आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण अपनी शिक्षा छात्रवृत्ति के आधार पर पूरी की। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णनजी एक छात्रप्रिय शिक्षक थे। वे अपने जीवन में 40 वर्षतक एक आदर्श शिक्षक बनकर रहे। डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णनजी 1952 में स्वतंत्र भारत के उपराष्ट्रपति और 1962 में राष्ट्रपति बने। शिक्षा और राजनिति में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए उन्हे 1954 में भारत सरकार नि सर्वोच्च सन्मान 'भारतरत्न' प्रदान किया। शिक्षा के क्षेत्र में उनका योगदान अविस्मरणीय और अतुलनीय रहा है। डॉ.राधाकृष्णनजी का जन्म दिवस भारत देश में ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाकर उनको याद किया जाता है।
दुर्भाग्यवश, 17 अप्रैल 1975 को लंबी बीमारी के कारण डॉ. राधाकृष्णानजी का देहांत हो गया। डॉ.राधाकरणनजी भारत के अमूल्य रत्न थे। उनका योगदान सभी भारतवासी को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।
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