बुन देती मेरा भी कोई
एक ऊन का चोला
लिख देती सीने पे उसके
लव यू का एक गोला।
होती उसपे रंग बिरंगी
धारीदार डिजाइन
कोई लगाता नज़र ना मुझको
ना ओझा ना डायन
उसे पहनकर खूब उछलता बन जाता मन मौला
बुन देती मेरा भी कोई एक ऊन का चोला।।
ठिठुर गया है तन मन मेरा
ठिठुर गया है जीवन
पूछती कैसा लगा स्वेटर
भेजा जो ये सीजन तब उसके एहसासों से बातें करता मन भोला
बुन देती मेरा भी कोई एक ऊन का चोला।।
0 Comments