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दशहरा पर निबंध | Dussehra Par Nibandh | Dussehra Nibandh | Essay On Dussehra In Hindi | Dussehra Essay

दशहरा पर निबंध,Dussehra Par Nibandh,Dussehra Nibandh,Essay On Dussehra In Hindi,Dussehra Essay


हम तो रावण और हिटलर में भी कोई न कोई अच्छाई ढूंढ़ लेते हैं
और ये जालिम जमाना जो राम और महात्मा गाँधी में भी कोई न कोई बुराई ढूंढ लेते हैं।

शहरा भारत में मनाए जाने वाली हिन्दूओं का त्योहार है। दशहरा को विजयादशमी और आयुष पूजा के नाम से भी जाना जाता है। दशहरा को हर वर्ष दिवाली के पहले, लनामा 20 दिन पहले मनाया जाता है, यह उत्सव सितम्बर या फिर अक्टूबर के महीने में आताहै। दशहरा के दिन भगवान राम ने रावण जो कि एक राक्षस था उसका वध किया था और इस कारण दशहरा मनाया जाता है। दशहरा के दिन कुद लोग पूरे दिन का व्रत रखते हैं। दशहरा पूरे भारत में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है, कई जगह इस दिन को रामलीला सुना कर मनाया जाता है तो कही रावण के पुतले को जलाकर बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाया जाता है। 

दशहरा के दिन हम रावण के पुतले को जलाते है लेकिन साथ ही हमें अपने अन्दर के रावण को नष्ट करना चाहिए और अपने अन्दर की बुराई पर जीत हासिल करना चाहिए। रावण के 10 सिर थे जो हमारे अन्दर मौजूद 10 बुराइयां दर्शाता है। पाप, काम, क्रोध, मोह,घमण्ड, स्वार्थ, जलन, अहंकार,अमानवता और अन्याय यह 10 बराइयां हैं जो हमें हमारे भीतर से नष्ट कर देनी चाहिए।


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